रंग महल

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(यह एक मुंह देखने वाला दर्पण है , और इस पर की गई कला को नक्काशी कहते है )

इस पेंटिंग में कलाकार ने इस महल में जो नक्काशी है वह बहुत ही विचित्र और दुर्लभ प्रकार की दिखाई है ,, इस नक्काशी के बीच में इस पेंटिंग को दिखाना ,महाराजा गजसिंह की शानोशोकत को दिखाना है जो बहुत ही भव्यता पूर्ण है | यह प्राचीन और विशाल महल सुराड़ा मोहल्ले में स्थित है। महल में अब हिमाचल एम्पोरियम बना दिया गया है। इस महल की नींव राजा उमेद सिंह ने )1748-1768) डाली थी। महल का दक्षिणी हिस्सा राज श्री सिंह ने 1860 में बनवाया था। यह महल मुगल और ब्रिटिश शैली का मिश्रित उदाहरण है। यह महल यहां के शासकों का निवास स्थल था।बहुत ही खुबसूरत बने इस महल में, बहुत ही सुन्दर कारीगरी व नक्कासी के कार्य से सुसज्जित था | महाराणा गजसिंह का यह महल अपने आप में एक अनूठा ही है ,,जिसके एक और मधुबन का रास्ता जाता है ,और उस मधुबन में अनेको –अनेक फुलवारिया ,जो मन को मोहने वाली है ,, लगाई हुई है ,,,,उसके दूसरी और महल के अन्दर जाने का रास्ता दिखाई दे रहा है | उसके मुख्य प्रागण में महाराज अपनी पटरानी को अपने हाथ से मदिरा का सेवन कराते हुए ,,व अन्य दसियो द्वारा रानी के हरम में अपने आप को राजा के प्रति समर्पित करते हुए ,,जहा राजा अपना भोग –विलास करते है ||