मंत्रणा
English(यह एक मुंह देखने वाला दर्पण है , और इस पर की गई कला को नक्काशी कहते है )
इस पेंटिंग में कलाकार ने एक राजपूत राजा का दरबार दिखाया है जिसमे दो देश के राजा बैठ कर आपस में किसी अवशेष पर गुप्त वार्ता कर रहे है , वही दो सेवक चंवर से हवा देते हुए दिखाए है दाई और सुरमा के सात सैनिक बल और बाई और छ: सैन्य बल महाराज के आदेश का इंतजार कर रहे है , जो बीच में अवशेष दिखाए गये है उनपे होने वाले फैसले का सैनिक बल इंतजार कर रहे है | किसी कुंवर की हत्या के बाद मिले इन अवशेषों में नो लखा हार , हाथ के कड़े , कुंवर का ताज , किरकि , कानो के कमंडल , स्वर्ण मालाये , व अन्य अवशेष प्राप्त होने पर दरबार में गुप्त वार्ता चल रही है किसी महत्वपूर्ण विषय के सम्बन्ध में आपस में होने वाली बात –चित या विचार विमर्श को मंत्रणा कहते है या फिर किसी काम के सम्बन्ध में किसी को दिया जाने वाला परामर्श या सलाह को भी मंत्रणा कहते है |या तो किसी एक राजा का दुसरे राज्ये के राजा पर आक्रमण करना ,उस पर मंत्रणा होती थी ,या राज्ये में गहन विषये पर चर्चा होती थी , हमने इस चित्र में दो देश के राजाओ को एक अवशेष पर विचार करते दिखाया है | वार्ता के बाद इन अवशेषों पर जो भी फैसला होगा , उस पर तुरन्त आदेश की पालना करने के लिए राज्ये के सैनिक आदेश का इन्तजार कर रहे है ||