पर्यावरण निधि
English(यह एक मुंह देखने वाला दर्पण है , और इस पर की गई कला को नक्काशी कहते है )
इस पेंटिंग में कलाकार ने पर्यावरण निधि में पुरे पर्यावरण को उकेरा है जब भी प्रथ्वी नष्ट होने की कगार पर होती है तो हमारे वैज्ञानिक जीव-जन्तु , मानव को पर्यावरण निधि में बन्द कर देते है , जब भी इस तरह का अदभुद कार्य प्रथ्वी पर होता है तो आकाशीय परिया स्वागत के लिए धरती पर आकर पुष्प से स्वागत करती है | ये कलाकार की एक कल्पना है | पर्यावरण उन सभी भौतिक, रासायनिक एवं जैविक कारकों की समष्टिगत इकाई है जो किसी जीवधारी अथवा पारितंत्रीय आबादी को प्रभावित करते हैं तथा उनके रूप, जीवन और जीविता को तय करते हैं।सामान्य अर्थों में यह हमारे जीवन को प्रभावित करने वाले सभी जैविक और अजैविक तत्वों, तथ्यों, प्रक्रियाओं और घटनाओं के समुच्चय से निर्मित इकाई है। यह हमारे चारों ओर व्याप्त है और हमारे जीवन की प्रत्येक घटना इसी के अन्दर सम्पादित होती है तथा हम मनुष्य अपनी समस्त क्रियाओं से इस पर्यावरण को भी प्रभावित करते हैं। इस प्रकार एक जीवधारी और उसके पर्यावरण के बीच अन्योन्याश्रय का संबंध भी होता है। पर्यावरण के जैविक संघटकों में सूक्ष्म जीवाणु से लेकर कीड़े-मकोड़े, सभी जीव-जंतु और पेड़-पौधे आ जाते हैं और इसके साथ ही उनसे जुड़ी सारी जैव क्रियाएँ और प्रक्रियाएँ भी। वातावरण एक प्राकृतिक परिवेश है जो पृथ्वी नामक इस ग्रह पर जीवन को विकसित, पोषित और नष्ट होने में मदद करता है। प्राकृतिक वातावरण पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व में एक बड़ी भूमिका निभाता है और यह मनुष्यों, पशुओं और अन्य जीवित चीजो को बढ़ने और स्वाभाविक रूप से विकसित होने में मदद करता है। लेकिन मनुष्य के कुछ बुरे और स्वार्थी गतिविधियों के कारण हमारा पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। यह एक महत्वपूर्ण विषय है और हर किसी को हमारे पर्यावरण को कैसे बचाया जाये और इसे सुरक्षित रखने के बारे में जानना चाहिए ताकि इस ग्रह पर जीवन के अस्तित्व को जारी रखने के लिए प्रकृति का संतुलन सुनिश्चित हो सके| आज हमारी प्रकृति से इतनी अधिक विपरीत छेड़ –छाड़ की जा रही है जिससे इस प्रथ्वी का एक न एक दिन और वो भी बहुत जल्द नष्ट होना तय है जब –जब इस तरह के संकेत मिलते है ,तो हमारे वैज्ञानिक एक मानव सभ्यता का प्रतीक जितने भी जीव-जन्तु ,मानव –स्त्री ,वायु ,इन सब को एक जगह इकट्ठा करके एक पर्यावरण निधि में बन्द कर दिया जाता है |की जब भी हमारी प्रथ्वी नष्ट हो तो हर चीज का ,हर मानव का ,व हर जीव –जन्तु का अंश जिन्दा रखा जा सके , और जब इस तरह का कार्य किया जाता है तो उसे पर्यावरण निधि कहते है ||